द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय: आज द्रौपदी मुर्मू भारत के राष्ट्रपति है। लेकिन कहानी इतना आसान नहीं था, हकीकत कुछ अलग ही बयां करता है। बहुत सारे कठिनाई, बहुत सारे मुश्किलें झेलने के बाद आज द्रौपदी मुर्मू वर्तमान भारत के राष्ट्रपति है।
पहले तो द्रौपदी मुर्मू एक महिलाएं है। मुश्किलें और भी बढ़ जाती है क्योंकि द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिलाएं है। और आज गर्व से हमारे सभी भारतीय का सीना चौड़ा होता है क्योंकि एक आदिवासी महिलाएं आज वर्तमान भारत के प्रेसिडेंट है। जीवन में उन्होंने बहुत संघर्ष किया है उनके बेटे और उनके पति एक साथ एक दुर्घटना में चल बसे थे हम बताएंगे आपको आगे कि दरअसल द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय क्या है?
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय, द्रौपदी मुर्मू हिस्ट्री
चलिए द्रौपदी मुर्मू की जीवन परिचय या फिर द्रौपदी मुर्मू की हिस्ट्री या फिर द्रौपदी मुर्मू की कहानी का शुरुवात उनके जन्म से करते हैं। द्रौपदी मुर्मु का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के मयूरभंज जिले में हुआ था।
यहां पर एक छोटा सा ट्विस्ट है क्योंकि द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून को हुआ था और आज इस साल 20 जून 2022 को उन्हें भारतीय राष्ट्रपति पदों के लिए चिन्हित किया गया था और आखिरकार 21 जुलाई 2022 को उन्होंने राष्ट्रपति पद हासिल कर लिया।
द्रौपदी मुर्मू घर की छोटी है यानी कि उनकी दो बड़े भाई है एक भगत टूडू और दूसरा सारणी टूडू। सबके साथ मिल जुल कर रहना सब को अपना बना लेना और सबसे प्यार हासिल करना द्रौपदी मुर्मू का एक अलग नजरिया था।
मुर्मू के परिवार के बात करें तो उनके परिवार तत्कालीन ग्राम पंचायती राज व्यवस्था का प्रधान हुआ करते थे और इसी वजह से मुर्मू को पढ़ाई लिखाई में अवसर भी मिली काफी आगे थे पढ़ाई लिखाई में अपने भाई बहनों को भी पढ़ाई लिखाई में ध्यान देने की बात हमेशा करती थी।
द्रौपदी मुर्मू Education
वर्ष 1990 में द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा के राजधानी भुवनेश्वर के रामा देवी महिला कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया।
द्रौपदी मुर्मू के नौकरी जीवन
मुर्मू के पहले नौकरी एक क्लर्क के तर पर थी। द्रोपदी मुर्मू अपने कैरियर की शुरूआत उड़ीसा सरकार के सिंचाई विभाग में एक क्लास के तौर पर शुरू किया था उसके बाद उन्होंने नौकरी बदली और शिक्षिका का नौकरी ली।
अभी गृह जिले के एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर बंद कर छात्रों को पढ़ाने लगी।
द्रौपदी मुर्मू राजनीतिक कैरियर
द्रौपदी मुर्मू के जीवन का टर्निंग प्वाइंट शुरू होता है 1997 में उन्होंने पहली बार मयूरभंज के रंग रायपुर से वार्ड परिषद की चुनाव लड़ी और पार्षद बन भी गये। इसके चलते मुर्मू ने अपने राजनीतिक कैरियर में प्रवेश किए।
अब उनको कभी पीछे मुड़कर देखने का समय नहीं मिला। क्योंकि कुछ ही समय के अंदर अंदर उन्होंने ओडिशा के विधायक बने, और अगले बार भी ओडिशा के विधायक बने। यानी कि लगातार 2 बार ओडिशा के विधायक बने।
आगे उन्होंने वर्ष 2000 से 2004 तक ओडिशा सरकार के राज्य मंत्री पदों पर कायम रहे। वर्ष 2015 में द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के राज्यपाल बने और उस समय उन्होंने राष्ट्रपति भवन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने आए थे और आज उन्होंने खुद राष्ट्रपति पद पर कायम है।
राजनीतिक जीवन में द्रौपदी मुर्मू को एक कड़क नेता माना जाता है क्योंकि उन्होंने अक्सर अपने फैसला को लेकर कड़क रहता है। द्रौपदी मुरमू अपने फैसले अपने विवेक से लेते हैं कभी दबाव में आ कर कुछ भी फैसले नहीं लेते हैं। इसका दो उदाहरण मैं आप लोगों को देना चाहूंगा।
- 2017 में जब झारखंड में बीजेपी की सरकार थी और रघुवर दास मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने CNT एक्ट और SPT एक्ट में कुछ संशोधन किए। यह कानून आदिवासी समुदाय के जमीनी सुरक्षा से जुड़े हुए थे। तब रघुवर दास के सरकार ने इस कानून पर कुछ बदलाव किया और उन्हें विधानसभा से पास भी करा लिया। लेकिन जब यह कानून द्रौपदी मुर्मू के पास मंजूरी के लिए पहुंचे क्योंकि वह तत्कालीन राज्यपाल थी तो उन्होंने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। और इन कानूनों को वापस लौटा दिया। उनका कहना था कि यह कानून आदिवासी समुदाय के हित में नहीं है। रघुवर दास दिल्ली गया और उन कानूनों को पास करवाने के लिए बहुत दबाव डाला लेकिन द्रौपदी मुर्मू पीछे नहीं हटी। आखिरकार द्रौपदी मुरमू का ही जीत हुआ।
- झारखंड के हेमंत सोरेन के सरकार ने 2019 में एक संशोधित कानून द्रौपदी मुर्मू के पास संशोधन के लिए भेजा तो उन्होंने उसे भी न्याय संगत नहीं माना और इस कानून को वापस लौटा दिया।
द्रौपदी मुर्मू Family
द्रोपदी मुर्मू के जन्म स्थान और बचपन के जीवन के बारे में हमने पहले ही बात कर चुके हैं इस बार हम लोग उनके वैवाहिक जीवन पर बात करेंगे।
द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू के साथ हुआ था जो एक बैंक अधिकारी थे बाद में उनका दो बेटे और एक बेटी का जन्म हुआ। राजनीतिक जीवन में उन्होंने बहुत कामयाबी हासिल की है लेकिन निजी जीवन में बहुत चोट पहुंची है।
वर्ष 2009 में उनके 25 साल के एक बेटे की अचानक मौत हो जाती है इस हद से द्रौपदी मुर्मू को गहरा सदमा पहुंचाया। इस सदमे की वजह से उन्होंने डिप्रेशन में चली गई थी और डिप्रेशन से बाहर आने के लिए कुछ संस्थाओं के साथ काम करना शुरू किया बाद में जब धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो रहा था उस समय यानी कि वर्ष 2013 में फिर से उनका दूसरे बेटा एक सड़क दुर्घटना में मारे गए।
उनके निजी जीवन पर आई यह त्रासदी यहीं पर नहीं रुकी 2013 में उनके दूसरे बेटे के मृत्यु के कुछ दिन बाद उनकी मां की मृत्यु हुई और उसी महीने उनकी एक भाई का भी मत हो गया तो आप लोग सोच सकते हो कि कितना गहरा सदमा एक इंसान के दिल में आ सकता है फिर भी इन सब को संभालते हुए आज द्रौपदी मुर्मू हमारे देश के राष्ट्रपति है।
द्रौपदी मुर्मू जीवनी
भारत के राष्ट्रपति | द्रौपदी मुर्मू |
राष्ट्रपति बने | 21 जुलाई 2022 |
जन्मतिथि | 20 जून 1958 |
आयु | 64 वर्ष |
जन्म स्थान | उड़ीसा के मयूरभंज जिले |
पोस्ट केटेगरी | जीवनी |
पिता का नाम | बिरंची नारायण टुडु |
माता का नाम | जल्द ही अपडेट हो रहा है |
पति का नाम | स्वर्गीय श्याम चरण मुर्मू |
बेटी का नाम | इतिश्री मुर्मू (बैंक अधिकारी) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू धर्म |
राशि | चक्र मिथुन |
जाति | अनुसूचित जनजाति (ST) |
द्रौपदी मुर्मू कौन है?
द्रौपदी मुरमू वर्तमान भारत के राष्ट्रपति है 21 जुलाई 2022 को उन्होंने इस पद के लिए योग्यता हासिल की है।
झारखंड की पहली महिला राज्यपाल कौन है?
द्रोपदी मुर्मू।
द्रौपदी मुर्मू कहां की है?
द्रौपदी मुरमू उड़ीसा राज्य की मयूरभंज जिले की है।
द्रौपदी मुर्मू का शिक्षा क्या है?
वर्ष 1990 में द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा के राजधानी भुवनेश्वर के रामा देवी महिला कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया।
द्रौपदी मुर्मू पिछले कार्यालयों क्या है?
द्रौपदी मुरमू पिछले 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल थी।
वर्तमान भारत के राष्ट्रपति कौन हैं?
द्रौपदी मुर्मू।